Tuesday, March 26, 2013

संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सा - मेरे गुरु जी




दुनियावी भाषा में एक ऐसे व्यक्तित्व जो की लम्बे लम्बे धर्म उपदेश न करके अपने दिनचर्या के कामो व  समाज के भलाई वाले विचारो से समाज को दिखा रहें है कि कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होना चाहिए वो पहले उसको करते हैं और फिर करने के लिए कहते हैं ।

अभी हाल ही में डेरा सच्चा सौदा की तरफ से चलाये जा रहे सफाई के महा अभियान  'हो पृथ्वी साफ, मिटे रोग अभिशाप' इस बात की पुष्टि करते है जिस तरह गुरु जी अभियान की शुरुवात खुद झाड़ू लगाकर करते है और उनके पीछे लाखो लोग जिसमे की इंजिनियर ,डॉक्टर ,विद्यार्थी ,अध्यापक  सब लोक लाज से ऊपर उठ कर चल देते है और गर्व महसूस करते हैं की वो अपने समाज को अपना हिस्सा अर्पण कर रहें है ।

ऐसी राष्ट्र भावना फिर से लोगो में पैदा करने वाले है मेरे गुरु जी - जिन पर परोपकाराय संत विभूत्य: नामक सूक्ति पूरी तरह साकार होती है  ।

संत  का जीवन परापकार के लिये ही है ये मैंने जाना जब मैंने उन्हें पहली बार पहले सफाई अभियान दिल्ली में झाड़ू लगते देखा तो मेरा मस्तक उनके लिए और भी श्रधा से झुक गया & और एक अजीब सी ख़ुशी और गर्व का एहसास दिल में की मेरा गुरु कितना प्यारा  है और सबसे जुदा है ।


मेरे लिए अपने गुरु के बारे में लिखना  बहु‍त मुश्किल बात है , मेरे गुरु जैसा न कोई हुआ और न कोई होगा।  

मैं बस इतना कहना चाहूँगी कि 'जैसा तू तैसा तू ही क्या किछ उपमा दी जें।'