Sunday, January 20, 2013

राम नाम से बढ़ता है आत्म-बल - पूज्य गुरु जी

1. इन्सान को जब तक इंसानियत का पता नहीं चलता वो पशुओ  से भी बदतर ज़िन्दगी जीता है 

2. जो ख़ुशी भगवान् ने इन्सान के लिए मुकरर की है और इन्सान उसे इसी जन्म में हासिल कर सकता है वो ख़ुशी सिर्फ सत्संग न सुनने की वजह से और राम नाम न लेने की वजह से इन्सान से वंचित रह जाती हैं 

3. इन्सान के अन्दर आत्म विश्वास है पर कर्मो की वजह से जब आत्म बल हार जाता है तब उसे हर कार्य में नुक्सान ,काम में दिल न लगना ,टेंशन ,परेशानी घेर लेती हैं 

4. आत्म बल बढाने का एक ही तरीका है राम नाम ,मेथड ऑफ़ मेडिटेशन ,कलमा ,गुरुमंत्र और सब गम चिंताए दूर होती हैं और इन्सान के अन्दर सरूर नशा आता है 

5. आत्म विश्वास बढाने के लिए कुछ खर्च नहीं करना पड़ता ,आत्म विश्वास को बुलंदियों पे रखने से यकीन बढ़ता रहता है 

6.गुरु मंत्र का जाप चलते फिरते काम धंधा करते हुए भी ले सकते हैं 

7. जैसे जैसे नाम शबद का जाप करेंगे अन्दर से मन की सफाई होगी और मालिक की दया मेहर के काबिल बनते जायेंगे 

8. सब  टेंशन प्रॉब्लम का हल अन्दर से ही मिल जायेगा 

9. किसी जीव का दिल दुखाना और दींन दुखियों की मदद करने वाले के राह में रोड़ा अटकाना सबसे बड़ा पाप 

10. इंसानियत का मतलब व धर्मों के अनुसार सबका फर्ज है की गिरे हुए को उठाना ,दीन दुखियों की मदद करना ,बीमार का इलाज कराना 

11. अगर भला कर्म नहीं कर सकते तो कम से कम किसी का बुरा नहीं करो 


1 comment:

  1. मनुष्य ने इस दुनिया में अपनी इच्छा से जन्म नहीं लिया है और न ही वह अपनी इच्छा से मरता है और न ही उसके जीवन में उसकी इच्छा से घटनाएं घटनाएं घटती हैं। फिर भी सब कुछ हो रहा है।
    कोई शक्ति तो है, जिसका हस्तक्षेप हमारे जन्म, मरण और जीवन-यापन में हम हर क्षण देखते रहते हैं। उसके वुजूद का इन्कार केवल इसलिए किया जाता है कि उसके नाम पर औरतों और कमज़ोरों का हज़ारों साल तक शोषण किया गया है वर्ना कोई और वजह उसके वुजूद से इन्कार की नहीं है।
    ईश्वर पवित्र है। उसके वुजूद को नकार दिया जाएगा तो हमारे जीवन में पवित्रता और शुचिता भी नहीं आएगी क्योंकि विज्ञान पवित्रता को मानता ही नहीं है। ईश्वर के बिना हम अपवित्र होकर जीने के लिए अभिशप्त हैं।
    आपने अपने गंभीर चिंतन से परिचित करवाया, शुक्रिया !

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